ऑस्ट्रेलिया में पुलिस ने ‘वर्चुअल किडनैपिंग’ के बढ़ते मामलों को देखते हुए चेतावनी जारी कर दिया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय चीनी छात्रों को टारगेट करके उन्हें गंभीर वित्तीय और मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। छात्रों को खुद का ही अपहरण करवाने के लिए मजबूर किया जाता है और फिर उनकी रिहाई के लिए फिरौती की मांग के साथ उनकी तस्वीरें भी उनके परिजनों को भेजी जाती हैं।
आखिर क्यों बढ़ रहें हैं ‘वर्चुअल किडनैपिंग’ के मामले?
इस अपराध की घटनाएं विभिन्न राज्यों और विदेशों में सामने आ रही हैं। दुनिया भर में स्कैमर्स लाखों डॉलर की उगाही कर रहे हैं। तो वहीं पुलिस महामारी के बाद से ऑस्ट्रेलिया में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की वापसी को इन घटनाओं के फिर से बढ़ने का कारण मान रही है।
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कैसे होती है ‘वर्चुअल किडनैपिंग’?
यह मामले मंदारिन बोलने वाले किसी व्यक्ति के कोल्ड कॉल से शुरू होते हैं, जो कि हॉस्टल, वाणिज्य दूतावास या पुलिस जैसे चीनी प्राधिकरण का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है। जिसके बाद छात्र को यह बताया जाता है कि उसे एक अपराध में फंसाया गया है और गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें एक अपतटीय (offshore) चीनी बैंक खाते में बड़ी राशि का भुगतान करना होगा।
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यह सिलसिला कई दिनों तक चल सकता है और फिर पीड़ित को अपनी खुद की किडनैपिंग का नाटक करने के लिए मजबूर किया जाता है और परिवार को तस्वीरें भेजते हैं और फिर उसकी सुरक्षित रिहाई के लिए मनचाही फिरौती रकम की मांग की जाती है।
चीनी और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इन घोटालों से प्रभावित किसी भी व्यक्ति से अधिकारियों से संपर्क करने की अपील की है। चीनी प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया है कि कोई भी अधिकारी किसी भी चीनी छात्र से संपर्क नहीं करेगा और उनसे या फिर उनके परिजनों से पैसे की मांग नहीं करेगा।