New Parliament building: 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narender Modi) द्वारा किया जाएगा। इस समकालीन भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा (Central Vista) योजना के एक भाग के रूप में किया गया है। संसद भवन के उद्घाटन के साथ मोदी सरकार अपनी केंद्रीय सत्ता के नौ साल भी पूरे कर रही है।
सेंट्रल विस्टा परियोजना का मुख्य आकर्षण का केंद्र भारत का नया संसद भवन है, जो रायसीना हिल और राजपथ के पास स्थिती है। ये भारतीय राजनीति और सत्ता का नया केंद्र होगा। इसके चालू होने के बाद पुराने संसद भवन का म्यूजियम बना दिया जाएगा, ताकि लोग उसे देख सकें। इस परियोजना में उच्च गुणवत्ता वाले निर्माण शामिल होंगे और हजारों करोड़ रुपयों में इसके खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है।
क्यों पड़ी नया संसद भवन बनाने की जरुरत-
भारत का मौजूदा संसद भवन सांसदों के बैठने की एक लिमिट क्षमता रखता था। लेकिन अब नए संसद भवन में इस क्षमता में विस्तार किया गया है। इससे भविष्य में देश में लोकसभा की सीटें बढ़ाने में भी सरकार को आसानी होगी।
इसमें लोकसभा की 888 सीटों और राज्यसभा में 384 सीटों के साथ आगामी संसद भवन को 150 से अधिक वर्षों के लिए त्रिकोणीय और टिकाऊ बनाया गया है, लेकिन पिछले संसद भवन की तरह इसमें केंद्रीय हॉल नहीं होगा।
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कितनी लागत से बना है नया संसद भवन-
सेंट्रल विस्टा परियोजना की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, नए संसद भवन की निर्माण लागत लगभग 862 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की कुल निर्माण लागत 13,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
इमारत को भूकंप का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी स्थापत्य शैली भारत के विभिन्न क्षेत्रों से प्रभावित है। सेंट्रल विस्टा परियोजना में कर्तव्यपथ का पुनर्निर्माण और प्रधान मंत्री और उपराष्ट्रपति के लिए नए घरों का निर्माण भी शामिल है।
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