वैज्ञानिकों ने हाल ही में अपने एक शोध के दौरान एक नए सुपरनोवा की खोज की है जो कि पृथ्वी से लगभग 21 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। जिसके बारे में वैज्ञानिकों ने बताते हुए कहा कि, ये एलियंस से बातचीत करने का जरिया बन सकता है।
दरअसल वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक पूरी टीम ने एसएन 2023ixf पर अपनी साइट्स स्थापित कर रखी है जो कि पिनव्हील आकाशगंगा में है। सुपरनोवा एक तरह का तारकीये विस्फोट है जो बीते एक दशक में मानवीय आँखों द्वारा देखा गया है।
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वैज्ञानिकों के मुताबिक, तकरीबन 100 सुपरनोवा पृथ्वी से करीब 300 प्रकाश वर्ष दूर है और अब वह इस बात की जाँच करने में जुटे हैं कि , आबाद ग्रह उसके आस पास है या नहीं। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि यदि सुपरनोवा एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल द्वारा देखा जा सकता है तो अन्य ग्रहों के साथ इसे संचार करने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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गोजो में राष्ट्रीय खगोल वेधशाला ने SN 2023ixf का पता लगाया है। जिसके बाद उन्हें पता चला की यह टाइप 2 सुपरनोवा था। यह हमारे सूर्ये के आकार से लगभग आठ गुना बड़ा तारा है।
जेम्स डेवनपोर्ट की अध्यक्षता में टीम ने अंडे के आकार के स्पेस जोन के इस शोध को ‘सेटी एलिपसॉइड’ की मदद से अंजाम दिया। तो वहीं एटीए का इस्तेमाल नार्थ कैरोलिना में खगोलविदों और वर्जिनिया में रोबर्ट सी बर्ड ग्रीन बैंक टेलिस्कोप द्वारा सितारों का अध्ययन करने और यह समझने के लिए किया जा रहा है कि रहने योग्य ग्रह उन्हें घेर पातें हैं या नहीं।