लाल टमाटर को सब्जियों का अहम हिस्सा माना जाता है, जिसके ऊंचे दामों ने लोगों की जेब को हल्का करना शुरू कर दिया है, रिटेल बाजार में टमाटर की कीमतें 80-120 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। जबकि थोक बाजार में इसकी कीमत 65 -70 रुपए प्रति किलोग्राम है, दाम में और बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है वहीं दूध की कीमतों पर भी असर देखने को मिल सकता है।
टमाटर की कीमतों के बढ़ने का कारण-
देश के अधिकांश हिस्सों में टमाटर की कीमतों के बढ़ने का कारण बढ़ते तापमान, देरी से हुई बारिश और कम उत्पादन को माना जा रहा है। टमाटर की कीमतों में अचानक उछाल आया है क्योंकि मई में टमाटर 3-5 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा था। टमाटर की बढ़ती कीमत ने भारतीय रिजर्व बैंक के मुद्रास्फिति को कंट्रोल में रखने को लेकर चिंता बढ़ गई है।
बेंगलुरु से ले रहे टमाटर-
दिल्ली के आजादपुर थोक मंडी के टमाटर के एक व्यापारी का कहना है कि पिछले दो दिनों में टमाटर की कीमतें दोगुनी हो गई है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों से टमाटर की आपूर्ति कम हो गई है, अब हम बेंगलुरु से टमाटर ले रहे हैं। टमाटर के जो पौधे जमीन पर थे वह हाल ही में बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। जबकि इससे पहले टमाटर की कम कीमत मिलने के चलते किसानों ने इसकी पैदावार कम करने का फैसला किया, जिसके चलते उत्पादन में कमी आई जो कीमतें बढ़ाने का कारण है।
टमाटर की कीमत पर अतिरिक्त खर्च में कटौती-
महाराष्ट्र के नारायण गांव के क्षेत्र में रहने वाले एक किसान का कहना है कि बीते साल कम कीमत मिलने की वजह से इस बार किसानों ने टमाटर की कीमत पर अतिरिक्त खर्च में कटौती की है, जिसके चलते किसानों ने कीटनाशकों का छिड़काव नहीं किया या खाद का इस्तेमाल नहीं किया। इससे कई बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया और उत्पाद में गिरावट आ गई।
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कीमत और बढ़ने आशंका-
आने वाले दिनों में टमाटर की कीमत और बढ़ने आशंका को लेकर, टमाटर व्यापारी का कहना है कि यह जरूरी नहीं है कि आने वाले हफ्तों में भी ऊंची कीमत जारी रहे। कीमतों में गिरावट देखी जा सकती है क्योंकि कई नई जगहों से टमाटर की आपूर्ति और फसल जल्दी ही शुरू हो जाएगी, हालांकि उन्होंने चिंता जताई कि अगर उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश हुई तो टमाटर की कीमत स्थिर रह सकती हैं।
दूध की कीमतें बढ़ने की भी आशंका-
टमाटर के साथ-साथ अल नीनों की वजह से दूध की कीमतें बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है। गर्म मौसम की वजह से दुधारू पशुओं के हरे चारे की कमी आने की संभावना है, जिससे चारा महंगा होगा और इससे पूरा करने के लिए दूध की कीमत प्रभावित हो जाएगी। ऐसे में आने वाले दिनों में अगर बारिश ठीक से नहीं होती है तो दूध की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है।
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