Dogs Ban in India: केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को पिटबुल टेरियर, अमेरिकन बुलडॉग, रॉटवाइलर और मास्टिफ्स समेत 23 नस्लों के आक्रामक कुत्तों की बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्देश दे दिया गया है। सरकार ने निर्देश ऐसे समय पर दिया है जब देश में पालतू कुत्तों के हमले में लोगों की मौत की घटनाओं में काफी तेजी आ रही है। अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिए निर्देश के मुताबिक, लोगों को पालतू जानवरों के रूप में 23 नस्लों के कुत्तों को रखने की मनाही हो गई है। केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग में 12 मार्च को सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में यह भी कहा कि कुत्तों की नस्लों, जिन्हें पहले से ही पालतू जानवर के रूप में रखा गया है।
Honestly i see it as a ban on having them as companions as there are no bad #dogs there are only bad owners / pet parents. Glad they are safe from such humans. @Chief_Secy_TN pic.twitter.com/guVX4lYDlT
— Antony Rubin (@AntonyRubin) March 13, 2024
केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग-
उनका आगे प्रजनन नहीं हो, ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए। केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने इसे ध्यान में रखते हुए अलग-अलग हित धारक संगठनों के सदस्य और विशेषज्ञों के साथ पशुपालन आयुक्त की अध्यक्षता में एक विशेष संज्ञान समिति का गठन किया। इस समिति ने मिश्रित और क्रॉस नस्लों समेत कुत्तों की तेज नस्लों को क्रूर और मानव जीवन के लिए खतरनाक माना है। पिटबुल, टेरियर, अमेरिकन शैफर्ड, टेरियर, टोसा इनु, फिला ब्रासिलिरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, कांगल, बॉसबोयल, मध्य एशिया शेफर्ड डॉग, दक्षिण रुसी शेफर्ड डॉग और टॉर्नजैक शामिल है।
Finally Amid the rising cases of 😚#dogbites the Centre has imposed a ban on the import, sale, and breeding of 23 “ferocious” dog breeds .Pitbull Terrier, Tosa Inu, American Staffordshire Terrier, Fila Brasileiro, Dogo Argentino, American bulldog, Boerboel, Kangal, Russian…
— Sumedha Sharma (@sumedhasharma86) March 13, 2024
ये डॉग्स शामिल-
ऑफिशियल प्रेस रिलीज में कहा गया कि रोडेशियन रिजबैक, वुल्फ डॉग्स, कैनारियो, अकिता, मास्टिफ्स, रॉटवीलर, टेरियर्स, अकबाश, मॉस्को गार्ड, केन कोरसो, सरप्लैनिनैक, जापानी टोसा और बैंडोग के नाम से जाना जाने वाले प्रत्येक कुत्ते इसके अंतर्गत आएंगे। इस पत्र में कहा गया कि स्थानीय निकाय भी जरूरी निर्देश जारी कर सकते हैं। राज्यों को लिखे गए पत्र में डेयरी और पशुपालन विभाग के स्थानीय निकायों में ऐसे कुत्तों की बिक्री और प्रजनन के लिए कोई लाइसेंस या परमिट नहीं जारी करने की गुजारिश की गई है।
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कमेटी की रिपोर्ट-
यह सलाह एक्सपर्ट्स और पशु कल्याण निकायों की एक कमेटी की रिपोर्ट के बाद सामने आई है। जिसे लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद बनाया गया था। विभाग का कहना है की इन नस्लो के कुत्तों को जिन्हें पहले से ही पालतू जानवर के रूप में रखा गया है। आगे प्रजनन रोकने के लिए उनकी नसबंदी की जाएगी। पत्र में कुछ नस्लों के कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में रखने पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अलावा नागरिक और पशु कल्याण संगठनों का भी जिक्र किया गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 दिसंबर 2023 के अपने आदेश में निर्देश दिया था कि सभी हितधारकों से बात करने के बाद भारत सरकार 3 महीने के अंदर ही फैसला लेगी। सरकार ने राज्यों से स्थानीय निकायों और राज्य पशु कल्याण बोर्ड द्वारा पशु क्रूरता निवारण नियम 2017 और पशु क्रूरता निवारण नियम 2018 का इंप्लीमेंटेशन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।
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