दिल्ली की सड़कों पर अब एक बड़ा बदलाव आने वाला है। अगर आप रोज ऑटो में ऑफिस जाते हैं या बाजार की सैर के लिए अपनी बाइक निकालते हैं, तो तैयार हो जाइए—क्योंकि दिल्ली सरकार की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी 2.0 का ड्राफ्ट सामने आ गया है। ये पॉलिसी न सिर्फ CNG ऑटो रिक्शा को अलविदा कहने की बात कर रही है, बल्कि पेट्रोल-डीजल की बाइक, बस और कचरा ढोने वाली गाड़ियों को भी इलेक्ट्रिक बनाने का प्लान है। इसका मकसद? दिल्ली की हवा को साफ करना और प्रदूषण से जंग जीतना है। लेकिन सवाल ये है—क्या सच में ये बदलाव आप और हमारे लिए आसान होगा? चलिए, इस खबर को थोड़ा करीब से समझते हैं।
CNG ऑटो का अंत: e-ऑटो का जमाना-
सबसे बड़ी खबर ये है कि 15 अगस्त 2025 से दिल्ली में CNG ऑटो रिक्शा की रजिस्ट्रेशन बंद हो जाएगा। जो ऑटो अभी चल रहे हैं, उनके परमिट भी रिन्यू नहीं होंगे। सरकार का प्लान है कि इनकी जगह अब सिर्फ e-ऑटो को परमिट दिया जाए। अगर आपका ऑटो 10 साल से पुराना है, तो उसे या तो रिप्लेस करना होगा या बैटरी से चलने वाला बनाना होगा। ऑटो ड्राइवर भाईयों के लिए ये थोड़ा टेंशन की बात हो सकती है, क्योंकि नई टेक्नोलॉजी का खर्चा और ट्रेनिंग भी तो चाहिए। लेकिन दूसरी तरफ, इलेक्ट्रिक ऑटो से पेट्रोल-CNG का खर्चा बचेगा और हवा भी कम खराब होगी। क्या आपको लगता है कि ऑटोवाले इस बदलाव के लिए तैयार हैं?
बाइक और थ्री-व्हीलर पर भी सख्ती-
अब बात करते हैं दोपहिया वाहनों की। अगर आप पेट्रोल या CNG वाली बाइक चलाते हैं, तो 15 अगस्त 2026 के बाद नई बाइक खरीदने का ऑप्शन खत्म हो सकता है। ड्राफ्ट में साफ कहा गया है कि इनका रजिस्ट्रेशन बंद होगा। यही हाल थ्री-व्हीलर गुड्स कैरियर्स का होगा—15 अगस्त 2025 से पेट्रोल, डीजल, CNG वाले थ्री-व्हीलर को नो-एंट्री। ये नियम छोटे बिजनेस वालों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है, जो सामान ढोने के लिए इन गाड़ियों पर डिपेंड करते हैं। लेकिन सरकार का कहना है कि इलेक्ट्रिक ऑप्शन सस्ता और इको-फ्रेंडली है। सवाल ये है—क्या मार्केट में इतने इलेक्ट्रिक वाहन तैयार होंगे?
बस और कचरा गाड़ियां भी होंगी इलेक्ट्रिक-
दिल्ली की लाल-हरी DTC बसें भी अब e-बस में बदलेंगी। ड्राफ्ट के मुताबिक, DTC और DIMTS सिर्फ इलेक्ट्रिक बसें ही खरीदेंगी। शहर के अंदर चलने वाली बसें तो पूरी तरह इलेक्ट्रिक होंगी, और बाहर जाने वाली बसों के लिए BS VI स्टैंडर्ड फॉलो होगा। इसके अलावा, MCD, NDMC और दिल्ली जल बोर्ड की कचरा ढोने वाली गाड़ियां भी 31 दिसंबर 2027 तक 100% इलेक्ट्रिक हो जाएंगी। ये कदम दिल्ली की गंदगी और प्रदूषण, दोनों से निपटने के लिए है। सोचिए, अगर सारी बसें और गाड़ियां इलेक्ट्रिक हो गईं, तो सड़कों पर कितना सन्नाटा होगा—no धुआं, no शोर!
पर्सनल कार वालों के लिए नया नियम-
अगर आपके पास पहले से दो गाड़ियां हैं, तो तीसरी गाड़ी खरीदने का मन बनाया तो वो इलेक्ट्रिक ही होनी चाहिए। ये नियम EV पॉलिसी 2.0 के नोटिफिकेशन के बाद लागू होगा। यानी अब अमीरों को भी ग्रीन लाइफ जीने का मौका मिलेगा। लेकिन क्या ये नियम मिडिल क्लास को टेंशन देगा? इलेक्ट्रिक कारें अभी भी महंगी हैं, और चार्जिंग स्टेशन की कमी भी तो है। सरकार को इस पर भी ध्यान देना होगा, वरना ये प्लान सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएगा।
कब तक होगा लागू?
अभी ये पॉलिसी ड्राफ्ट स्टेज में है। दिल्ली कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे नोटिफाई किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि कुछ नियमों में बदलाव हो सकता है, खासकर दोपहिया वाहनों से जुड़े सुझावों में। वैसे, मौजूदा EV पॉलिसी को 31 मार्च के बाद 15 दिन का एक्सटेंशन मिला है, और ये आखिरी बार होगा। नई पॉलिसी जल्द ही फाइनल हो जाएगी। दिल्लीवालों के लिए ये एक बड़ा स्टेप है, लेकिन इसके साथ ढेर सारे सवाल भी हैं—चार्जिंग स्टेशन कहां होंगे? पुरानी गाड़ियों का क्या होगा? और सबसे बड़ा सवाल—क्या ये सच में दिल्ली की हवा को साफ कर पाएगा?
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आपकी जिंदगी पर असर
सोचिए, अगर सारी गाड़ियां इलेक्ट्रिक हो गईं तो आपकी रोज की जिंदगी कैसे बदलेगी। ऑटो का किराया शायद कम हो, क्योंकि ईंधन का खर्चा नहीं होगा। सड़कों पर धुआं कम होगा, तो सांस लेना आसान होगा। लेकिन इसके लिए ऑटो ड्राइवर्स, बाइक वालों और छोटे बिजनेस ओनर्स को सपोर्ट चाहिए। सरकार को सस्ते लोन, सब्सिडी और चार्जिंग इंफ्रा पर फोकस करना होगा। ये पॉलिसी दिल्ली को ग्रीन सिटी बनाने का सपना तो दिखाती है, लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए सबको साथ चलना होगा।
अंत में: आप क्या सोचते हैं?
दिल्ली की हवा को बचाने के लिए ये कदम कितना सही है, ये तो वक्त बताएगा। लेकिन इतना तय है कि बदलाव आसान नहीं होगा। ऑटोवाले हों, बाइक राइडर्स हों या बस में सफर करने वाले—सबकी जिंदगी में कुछ न कुछ नया आएगा। तो आप क्या कहते हैं? क्या दिल्ली सच में इलेक्ट्रिक सिटी बन पाएगी? अपनी राय जरूर शेयर करें!
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