एक बेहद दुखद खबर ने एविएशन इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है। एयर इंडिया एक्सप्रेस के 28 साल के पायलट अरमान, जो हाल ही में शादी के बंधन में बंधे थे, की 9 अप्रैल को नई दिल्ली में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब वो श्रीनगर से दिल्ली के लिए फ्लाइट लैंड कराकर एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। लेकिन सवाल ये है कि आखिर इतनी कम उम्र में एक फिट पायलट की जान कैसे चली गई? क्या इसके पीछे थकान और स्ट्रेस का हाथ है? आइए, इस खबर को इंसानी नजरिए से समझते हैं और सच का पता लगाते हैं।
फ्लाइट लैंड हुई, फिर शुरू हुआ दर्द–
शाम का वक्त था। अरमान ने श्रीनगर-दिल्ली फ्लाइट को सेफली इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड कराया। सब कुछ नॉर्मल लग रहा था, लेकिन लैंडिंग के बाद अरमान को अचानक बेचैनी हुई। कॉकपिट के अंदर ही उन्हें उल्टी हो गई। इसके बाद वो डिस्पैच ऑफिस पहुंचे, जहां अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वो बेहोश हो गए। साथी स्टाफ ने तुरंत उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एयर इंडिया एक्सप्रेस के स्पोक्सपर्सन ने कहा, “हमें अपने एक कीमती साथी को खोने का गहरा दुख है। हम उनके परिवार के साथ हैं और हर संभव मदद कर रहे हैं।”
ये खबर सुनकर हर किसी का दिल भर आया। अरमान की नई-नई शादी हुई थी। घर में खुशियां अभी ठीक से सेटल भी नहीं हुई थीं कि ये तूफान आ गया। लेकिन बड़ा सवाल ये है – क्या ये सिर्फ एक मेडिकल इमरजेंसी थी, या इसके पीछे कुछ और भी है?
क्यों हुई पायलट की मौत? सच की तलाश–
कई सोर्सेज और एक्सपर्ट्स की मानें तो अरमान की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट था। लेकिन ये कार्डियक अरेस्ट आया क्यों? हिंदुस्तान टाइम्स और द हिंदू की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरमान ने फ्लाइट लैंड करने के बाद उल्टी की थी, जो किसी गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम का संकेत हो सकता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कार्डियक अरेस्ट अचानक तब होता है जब हार्ट को ऑक्सीजन सप्लाई रुक जाए। इसके पीछे स्ट्रेस, थकान, या पहले से मौजूद कोई हेल्थ कंडीशन हो सकती है।
पिछले कुछ सालों में इंडिया में कई पायलट्स की कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई है। नवंबर 2023 में 37 साल के एयर इंडिया पायलट हिमानिल कुमार की दिल्ली एयरपोर्ट पर ट्रेनिंग के दौरान मौत हो गई थी। अगस्त 2023 में इंडिगो के एक पायलट की बोर्डिंग गेट पर अचानक जान चली गई। इन घटनाओं ने पायलट्स की हेल्थ और वर्किंग कंडीशंस पर सवाल उठाए हैं। क्या लगातार फ्लाइट्स, रात की शिफ्ट्स, और प्रेशर उनकी सेहत पर भारी पड़ रहा है?
एक्स (ट्विटर) पर भी लोग इस बारे में बात कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “Another young pilot gone too soon. DGCA को अब एक्शन लेना चाहिए।” कई लोगों का मानना है कि पायलट्स पर बढ़ता वर्कलोड और फटीग (थकान) इसकी वजह हो सकता है।
पायलट्स की थकान: एक अनदेखी सच्चाई–
एविएशन इंडस्ट्री में पायलट्स की जिंदगी आसान नहीं होती। लंबी शिफ्ट्स, नाइट ड्यूटी, और लगातार ट्रैवल उनकी बॉडी और माइंड पर असर डालता है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने पिछले साल पायलट्स की थकान को कम करने के लिए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम लाने की बात कही थी। इन नियमों में वीकली रेस्ट को 36 से बढ़ाकर 48 घंटे करना और नाइट फ्लाइंग को 13 से घटाकर 10 घंटे करना शामिल था। लेकिन एयरलाइंस ने कहा कि इसके लिए उन्हें 20-25% ज्यादा पायलट्स हायर करने पड़ेंगे, जिसके लिए 8-10 महीने का टाइम चाहिए। नतीजा? DGCA ने नए नियमों को टाल दिया और 2019 के पुराने नियम अभी भी लागू हैं।
क्या अरमान की मौत का कनेक्शन इस थकान से है? अभी ये साफ नहीं है। लेकिन इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि पायलट्स की हेल्थ मॉनिटरिंग और वर्क-लाइफ बैलेंस पर ध्यान देना जरूरी है। अगर सही वक्त पर कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं बढ़ सकती हैं।
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इंडस्ट्री पर असर: क्या बदलेगा कुछ?
अरमान की मौत ने एक बार फिर पायलट्स की सेफ्टी और वेलफेयर पर डिबेट छेड़ दी है। एयरलाइंस और DGCA पर दबाव बढ़ रहा है कि वो नए नियमों को जल्द लागू करें। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी पिछले साल DGCA को फटकार लगाई थी कि वो पायलट्स के रेस्ट टाइम को लेकर ढीले क्यों हैं। कोर्ट ने कहा था कि ये नियम जनवरी 2024 से तैयार थे, फिर भी जुलाई 2025 तक इन्हें टाला क्यों गया?
पायलट यूनियन्स जैसे फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स लंबे वक्त से कह रही हैं कि सेफ्टी से समझौता नहीं होना चाहिए। लेकिन एयरलाइंस का तर्क है कि नए नियमों से फ्लाइट्स कैंसिल होंगी और टिकट प्राइस बढ़ेगा। सवाल ये है – क्या प्रॉफिट की कीमत इंसानी जान से चुकानी चाहिए?
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