भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव फिर से सुर्खियों में है। हाल ही में, कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने दोनों देशों के रिश्तों को और बिगाड़ दिया। इस हमले में 26 लोग मारे गए। भारत ने जवाब में Indus Waters Treaty को निलंबित कर दिया। पाकिस्तान ने इसे “युद्ध की घोषणा” बताया। उनके मंत्री हनीफ अब्बासी ने कहा, “हमारे 130 न्यूक्लियर हथियार भारत के लिए हैं।” क्या वाकई पाकिस्तान न्यूक्लियर अटैक कर सकता है? आइए, इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं (https://www.indiatoday.in/world/story/pakistan-minister-hanif-abbasis-open-threat-to-india-as-tensions-flare-130-nukes-aimed-at-you-2715738-2025-04-27)
Indus Waters Treaty: पानी का महत्व
Indus Waters Treaty 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच साइन हुआ था। यह संधि सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी को बांटती है। भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का पानी मिला। वहीं, पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता है। यह पानी पाकिस्तान की खेती और हाइड्रोपावर के लिए लाइफलाइन है। अगर भारत पानी रोके, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। लेकिन, भारत के पास अभी इतना इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है कि वह पानी पूरी तरह रोक दे। फिर भी, यह निलंबन पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।(https://www.reuters.com/world/asia-pacific/what-is-indus-waters-treaty-between-india-pakistan-2025-04-24/)
न्यूक्लियर अटैक की धमकी: कितनी हकीकत?
पाकिस्तान ने कई बार न्यूक्लियर अटैक की धमकी दी है। 2022 में उनकी मंत्री शाजिया मर्री ने कहा, “हमारा एटम बम सजावट के लिए नहीं है।” अब हनीफ अब्बासी ने फिर धमकी दी। लेकिन, क्या पाकिस्तान ऐसा करेगा? विशेषज्ञों का मानना है कि न्यूक्लियर युद्ध दोनों देशों के लिए विनाशकारी होगा। भारत और पाकिस्तान, दोनों के पास परमाणु हथियार हैं। भारत की मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी मजबूत है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय दबाव ऐसा कोई कदम उठाने से रोकेगा। फिर भी, ऐसी धमकियां तनाव बढ़ाती हैं।
भारत-पाकिस्तान का इतिहास: पुरानी रंजिश
भारत और पाकिस्तान के बीच 1947 के बंटवारे से तनाव शुरू हुआ। कश्मीर हमेशा से विवाद का केंद्र रहा। 1965, 1971 और 1999 में दोनों देशों ने युद्ध लड़े। Indus Waters Treaty इन युद्धों के बावजूद बरकरार रही। लेकिन, 2016 के उरी हमले के बाद भारत ने संधि की समीक्षा की बात कही। पीएम मोदी ने कहा, “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” 2025 में पहलगाम हमले के बाद भारत ने संधि को निलंबित कर दिया। यह कदम दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी को दर्शाता है।
भारत के पास क्या विकल्प हैं?
भारत ने Indus Waters Treaty को निलंबित कर सख्त संदेश दिया है। लेकिन, पानी रोकना आसान नहीं है। भारत के पास अभी बड़े बांध या स्टोरेज सिस्टम नहीं हैं। फिर भी, भारत नए प्रोजेक्ट्स शुरू कर सकता है। इससे पाकिस्तान को डर है कि भविष्य में पानी की कमी हो सकती है। भारत डिप्लोमैटिक दबाव भी बना सकता है। वर्ल्ड बैंक, जो इस संधि का मध्यस्थ है, इस मामले में दखल दे सकता है। साथ ही, भारत अपनी सैन्य ताकत और मिसाइल डिफेंस को और मजबूत कर सकता है
ये भी पढ़ें- पहलगाम आतंकी हमले के बाद क्या हमें कश्मीर घूमने का प्लान कैंसिल करना चाहिए?
आम आदमी पर क्या असर?
पाकिस्तान में पानी की कमी से किसानों की जिंदगी मुश्किल हो सकती है। पंजाब और सिंध में 80% खेती सिंधु नदी पर निर्भर है। अगर फसलें प्रभावित हुईं, तो खाद्य संकट और महंगाई बढ़ सकती है। भारत में भी, कश्मीर जैसे इलाकों में सुरक्षा चिंताएं बढ़ रही हैं। आम लोग शांति चाहते हैं, लेकिन दोनों देशों की सियासत इसे मुश्किल बनाती है। क्या दोनों देश बातचीत से हल निकाल सकते हैं? यह सवाल हर हिंदुस्तानी और पाकिस्तानी के मन में है।
ये भी पढ़ें- देशभर की मस्जिदों से मुस्लमानों ने “भारत माता की जय” के नारे के साथ पाकिस्तान को क्या बोला?
भविष्य में क्या युद्ध होगा?
पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकियां और भारत का सख्त रुख स्थिति को नाजुक बना रहे हैं। लेकिन, न्यूक्लियर अटैक या युद्ध की संभावना कम है। दोनों देश जानते हैं कि युद्ध किसी के हित में नहीं। फिर भी, Indus Waters Treaty का निलंबन लंबे समय तक तनाव बनाए रख सकता है। भारत और पाकिस्तान को बातचीत की मेज पर आना होगा। संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन मध्यस्थता कर सकते हैं। शांति ही इस क्षेत्र का भविष्य है।