अजय चौधरी
दिल्ली में 4 से 15 नवंबर तक ऑड-इवेन एक बार फिर लागू हो रहा है। दिल्ली सरकार के अनुसार लोग सीएनजी स्टीकरों का गलत इस्तेमाल करते हैं इसलिए इस बार इस योजना के दौरान सीएनजी वाहनों को भी छूट नहीं दी गई है।
हमारे यहां के लोग बडे जुगाडू हैं, जरुर गलत इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन इसके साथ हैरानी भरी खबर तो यह है कि सरकार ने हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों को भी इससे छूट नहीं दी है।
चलो हाइब्रिड को एक तरफ रख दें, वो पूरी तरह इलेक्ट्रिक नहीं होती। पर इलेक्ट्रिक कारों को इस योजना से छूट क्यों नहीं दी गई? वो सडक पर किस तरह का धुवां छोडेंगी? ये तो समय था इन कारों को बढावा देना का। ताकि लोग इलेक्ट्रिक कारों का रुख कर सकें। लेकिन दिल्ली सरकार इन कारों की पहचान कर पाने में असमर्थ है। जबकि इनके मॉडल ही भारत में बहुत कम है और इनकी आसानी से पहचान हो सकती है, लिखा भी रहता है कि इलेक्ट्रिक है।
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सीएनजी वाली कार तो पेट्रोल और डीजल दोनों पर चल सकती है। लेकिन इलेक्ट्रिक में तो पेट्रोल डालने की जगह चार्जिंग पॉंइट होता है। फिर भी कोई शक रह जाए तो कार को खोलकर भी देखा जा सकता है। अगर उसमें इंजन निकले तो कार वाले को सूली चढा दो। लेकिन इस तरह इलेक्ट्रिक कारों पर भी ऑड-इवेन के दौरान प्रतिबंध लगाना या इस योजना के अंतर्गत लाना गलत है।