अजय चौधरी
सूरजकुंड,18अगस्त । डैथ वैली के नाम से मश्हूर सूरजकुंड की खूनी झील में दोस्तों संग घूमने आई जेएनयू(जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय) की एक छात्रा से बलात्कार के प्रयास और उसके अन्य साथीयों से मारपीट का मामला सामने आया है। मामले में स्थानीय पुलिस के लापरवाही बरतने और केस दर्ज न करने की बात भी सामने आई है। बाद में छात्रा ने दिल्ली के वसंतकुंज थाने में मामला दर्ज कराया। मामले की गंभीरता को देखते हुए फरीदाबाद पुलिस आयुक्त हनीफ कुरैशी ने सूरजकुंड थाने के सबइंस्पेक्टर सुरेश कुमार को निलंबित कर मामले की जांच डीसीपी एनआईटी और आईपीएस अधिकारी आस्था मोदी को सौंपी है। आस्था मोदी छात्रा का बयान लेने के लिए जेएनयू भी जाएंगी।
छात्रा के पुलिस को दिए बयान के अनुसार 14 अगस्त को पीडित छात्रा और उसके छह अन्य दोस्त ने सूरजकुंड की पहाडिय़ों में स्थित खूनी झील के पास पिकनिक मनाने का फैसला लिया था। जिसके बाद पांच लोग टैक्सी से और दो लोग बाइक से यहां पहुंच गए। शाम करीब साढ़े छह बजे सभी यहां पहुंच गए। यहां घूमने के दौरान उन्हें नौ बज गए। जिसके बाद उन्होंने वापस लौटने के लिए एक कैब बुक करवा दी। कैब चालक ने आधे में घंटे में पहुंचने के लिए कहा था। तभी उसने अपने दो दोस्तों के साथ बाइक से लौटने लगी। रास्ते में शराब के नशे में धुत्त एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने उनकी बाइक को रोक लिया। इस बीच उसके अन्य कई साथी वहां पहुंच गए।
पीडि़ता का कहना है कि इन लोगों ने आते ही उसे अनैतिक तरीके से अपमानित करना और गाली गलौच शुरू कर दी। विरोध करने पर आरोपी उसे व उसके दोस्तों के साथ बुरी तरह मारपीट करने लगे। आरोपी उन्हें पेड़ से बांध कर पीटने की बात कह रहे थे। तभी कुछ आरोपी उसे घसीट कर एक शैड में ले गए। जहां आरोपी उसके साथ मारपीट करते हुए बलात्कार करने का प्रयास करने लगे। इस दौरान आरोपी अपने अन्य साथियों को भी बलात्कार करने के लिए बुला रहे थे। इस बीच बुक करवाई गई टैक्सी का चालक उसके दो दोस्तों के साथ वहां पहुंच गया। इन लोगों ने उसे व उसके दोस्तों को किसी तरह आरोपियों के चंगुल से मुक्त करवाया।
मामले की शिकायत के लिए पीडित छात्रा और उसके साथी सूरजकुंड थाने पहुंचे लेकिन वहां पुलिस ने उनपर राजीनामा करने का दबाव बनाया और कोई शिकायत न देने के पर्चे पर हस्ताक्षर करवा लिए। पुलिस का कहना था कि सूरजकुंड की खूनी झील एक प्रतिबंधित क्षेत्र है बावजूद इसके छात्रा और उसके साथी वहां गए और ये दो पक्षों का आपसी झगडा है जिसकी वो शिकायत नहीं देना चाहते। पुलिस के इस रवैये को देखते हुए छात्रा ने बाद में दिल्ली के वसंतकुंज थाने में जाकर पुलिस को अपनी शिकायत बताई जिसपर दिल्ली पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज करते हुए मामले को फरीदाबाद पुलिस को स्थांतरित कर दिया।
मामला प्रकाश में आने पर फरीदाबाद पुलिस आयुक्त हनीफ कुरैशी ने सूरजकुंड थाने के सबइंस्पेक्टर सुरेश कुमार को निलंबित कर मामले की जांच डीसीपी एनआईटी और आईपीएस अधिकारी आस्था मोदी को सौंपी है। आस्था मोदी छात्रा का बयान लेने के लिए जेएनयू भी जाएंगी। पीडित छात्रा की उम्र 20 साल है और वो जेएनयू के एक होस्टल में रह रही है।