https://youtu.be/eNGunQijucM
अमेरिका ने भारत से GSP यानी कि Generalised System of Preferences का दर्जा अगले 60 दिनों में छीन लेने की बात कही है। अमेरिका इसके जरिए अमेरिका भारत जैसी विकासील देशों के कुछ पोडक्टस पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में छूट देता है। अमेरिका का कहना है कि भारत उसके साथ समान व्यवहार नहीं कर रहा है और अपने बजारों तक उचित पहुंच नहीं होने दे रहा है।भारत-अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर के सामानों का निर्यात करता है। जिसमें से केवल 1.90 करोड़ डॉलर मूल्य की वस्तुएं की शुल्क की श्रेणी में आती हैं। कहा जा रहा है कि इससे भारत पर ज्यादा असर नहीं पडेगा।अब जान लेते हैं कि अमेरिका ने ऐसा क्यों किया है- कुछ भारतीय अखबारों की रिपोर्ट के मुताबिक क्योंकि सब ऐसा नहीं लिख रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप को लगता है कि भारत अधिक टैक्स लगाने वाला देश है और वो अब भारत से जीएसपी छीन कर ही रहेंगे। लेकिन असल में ऐसा नहीं है रिपोर्टों के मुताबिक ट्रंप प्रशासन अमेरिकी कंपनियों जैसे की फिल्पकार्ट और अमेजोन के लिए जो नए नियम बनाए हैं उनसे भी नाराज है। इसके अलावा अमेरिका ये भी नहीं चाहता कि भारत मेडिकल फील्ड में घुटना-प्रत्यारोपण और स्टंट की कीमतों को निर्धारित करे क्योंकि इस फिल्ड में अधिकतर कंपनिया अमेरिका की हैं जिन्हें सरकार द्वारा इन चीजों की कीमतें निर्धारित करने पर काफी घाटा उठाना पड़ रहा है।भारत ने हार्ट सर्जरी में लगने वाले और डेढ़ लाख रुपए तक की कीमतों वाले स्टंट की कीमते निर्धारित करते हुए मात्र 30 हजार रुपए कर दी थी। जिससे दिल के मरीजों को सस्ता ईलाज मिल सके। वहीं घुटने बदलवाने में जहां पहले ढाई लाख रुपए तक खर्च हो जाते थे। सरकार ने इसकी कीमतें 50,000 रुपए के करीब तय कर दी थी। जिसके बाद इस तरह के सामान बनाने वाली कंपनियां घबराई हुई थी और उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति पर भारत के इस कदम को लेकर लगातार दबाव बनाया हुआ है।वहीं ई कार्मस कंपनियों को लेकर भारत ने घरेलू विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए नए नियम बनाए हैं जिससे एमोजोन और फिल्पकार्ट जैसी कंपनी खुद कुछ प्रोडक्टस नहीं बेच पाएगी। किसी नए प्रोडक्ट की exclusive sale और नए ब्रांड की launching नहीं हो पाएगी। साथ ही एक वेंडर एक वेबसाईट पर कितना सामान बेच सकता है इसको लेकर भी नियम बनाए गए हैं। इसका असर अमोजोन और फिल्पकार्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों पर पड़ा है जिससे अमेरिका तमतमाया हुआ है।