भारतीय नौसेना के बेड़े में शनिवार यानी आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दूसरी सबसे अत्याधुनिक पनडुब्बी INS खंडेरी को शामिल कर किया गया है। वहीं, पनडुब्बी INS खंडेरी को बनाने में कई साल का समय लगा। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर जानते है इसकी और क्या खासियत है…
-पानी में रहकर दुश्मन पर सबसे पहले वार करने वाली कलवरी केटेगरी की दूसरी डीजल- इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है INS खंडेरी।
-INS खंडेरी में परमानेंटली मैग्नेटाइज्ड प्रोपलसन मोटर लगी है, जिससे यह समंदर में रहकर साइलेंट रहती है।
-यह पनडुब्बी समंदर के अंदर 350 मीटर की गहराई तक गोता लगाने में सक्षम है।
-इतना ही नहीं, INS खंडेरी समंदर में 45 दिन तक रहकर 12 हजार किमी का सफर तय करने में भी सक्षम है।
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-INS खंडेरी की लंबाई लगभग 67.5 मीटर और चौड़ाई 12.3 मीटर है।
-साथ ही, समंदर की सतह के ऊपर से देखने पर किसी तरह की हलचल का पता लगा पाना कठिन है।
-INS खंडेरी का नाम महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के खंडेरी किले के नाम पर रखा गया है। इस किले की खासियत यह थी कि यह एक जल दुर्ग था मतलब चारों और पानी से घिरा हुआ इसलिए दुश्मन के लिए अभेद्य था।
Khanderi is also name of an island fort built by great Maratha ruler Chhatrapati Shivaji Maharaj. He was man of great valour, courage and determination. He was one of the first Indian ruler in medieval era to recognise importance of strong Navy: RM
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 28, 2019
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-INS खंडेरी समंदर के भीतर पानी में करीब 20 समुद्री मील और पानी के ऊपर करीब 11 मील की रफ्तार से चलने की क्षमता से लैस है। इसमें कुल 360 बैटरियां हैं। इसमें से हर बैटरी का वजन 750 किग्रा है।
आपको बता दे इससे पहले कलवरी स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी थी। इसके बाद INS खंडेरी के निर्माण की कार्य शुरू हुआ था। भारतीय नौसेना पिछले कुछ सालों से INS कलवरी का इस्तेमाल कर रही है। INS खंडेरी उसी की अगली पीढ़ी की ताकतवर और अत्याधुनिक पनडुब्बी है।
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