किरण शर्मा
भारत में रहने वाले हर बच्चे का सपना होता है, कि वह विदेश में जाकर पढ़ाई करें और अपना भविष्य बनाएं पर इसके लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़ते है और मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों के लिए यह एक सपना बनकर रह जाता है पर अब देश में रहने वाले हर बच्चे का सपना पूरा किया जा सकता है। अब भारत में फॉरेन यूनिवर्सिटीज कैंपस खोले जाएंगे, इस बारे में यूजीसी चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने ड्राफ्ट की मुख्य गाइडलाइंस मीडिया के साथ साझा की है।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी (2020) NEP के तहत भारत में उच्च शिक्षा को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर लाने की बात कही गई है। NEP के मुताबिक UGC ने भारत में फौरन यूनिवर्सिटी केंपस खोलने की तैयारी कर ली है। इसके बारे में यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश ने ड्राफ्ट की मुख्य गाइडलाइन के बारे में बताया है, कि किस तरह से भारत में अपना केंपस स्थापित करने के लिए किन-किन नियमों की आवश्यकता होगी।
क्या कहा UGC के चेयरमैन ने?
प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा, कि सबसे पहले तो भारत में कैंपस शुरू करने के लिए यूजीसी का अप्रूवल लेना होगा। इस अप्रूवल के लिए उन्हें यूजीसी के सभी नियमों का पालन करना होगा और उन पर खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा, कि इस कैंपस में भारतीय विद्यार्थियों के साथ विदेशी छात्र भी दाखिला ले सकते हैं। उन्होंने बताया, कि वर्ल्ड की टॉप 500 फौरन यूनिवर्सिटी में आने वाले संस्थानों को ही यहां रैंकिंग दी जाएगी।
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यहां रेगुलर कोर्स कराए जाएंगे, इसलिए फैसेल्टी भी रेगुलर रहेगी। भारत में फौरन यूनिवर्सिटीज कैंपस खोलने के बाद उच्च शिक्षा के स्तर में बढ़ोतरी होगी। हजारों छात्रों को इसका लाभ होगा, इसके अलावा महिला और छात्राओं की रैगिंग को लेकर राज्य व यूजीसी की गाइडलाइन जारी की जाएगी। उन्हें भारतीय कानूनों के अनुसार लागू किया जाएगा। एम.जगदीश कुमार ने कहा, कि फिलहाल इस बारे में जारी ड्राफ्ट गाइडलाइन यूजीसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। इसके बारे में आगे और विचार किया जाएगा।