किरण शर्मा
कई लोगों को पेड़ पौधों से बेहद प्यार होता है, ज्यादातर पेड़- पौधे कई तरह की औषधियों में काम आते हैं पर क्या आपने कभी ऐसे पौधे का नाम सुना है जो आपकी जान बचाने की बजाय आपकी जान ही ले ले। जी हां, ऑस्ट्रेलियाई मूल का पौधा जिम्पई-जिम्पई एक ऐसा पौधा है, जिसे छूने से आपका आत्महत्या करने का मन करने लगता है। दरअसल, इस पौधे को छूने से इसके रोए शरीर के अंदर चले जाते हैं। जिसके बाद शरीर में असहनीय दर्द होना शुरू हो जाता है। यह दर्द इतना तेज होता हैै, कि व्यक्ति को आत्महत्या करने का मन करने लगता है।
क्यों माना जाता है, इस पौधे को खतरनाक?
जिम्पई के बारे में 1866 में सबसे पहले पता लगाया गया था। इस दौरान ऐसा देखा गया, कि ऑस्ट्रेलिया के जंगलों से गुजरने वाले कई जानवरों खासकर घोड़ों की अचानक से मोते होने लगी थी। जब इस बारे में जांच की गई तो पता लगा, कि सभी की मौत एक ही पौधे के संपर्क में आने से हुई थी और वह था जिम्पई। उस दौरान क्वींसलैंड के रेनफॉरेस्ट पर काम करने वाले लोग जिम्पई को मौत का पौधा समझते थे। इसलिए सभी लोग अपने हाथों में रेस्परेटर, एंटीहिस्टामाइन टेबलेट और मेटल ग्लव्स पहने रहते थे। इस पौधे पर ज्यादा ध्यान तब दिया गया, जब दूसरे विश्व युद्ध के समय कई आर्मी ऑफिसर इस पौधे की चपेट में आए और कईयों ने इसके असहनीय दर्द के कारण खुद को गोली मार ली थी। जो भी व्यक्ति इस पौधे के संपर्क में आया या जिसने भी इसे छुआ वह बच नहीं पाया। इसलिए तब क्वींसलैंड वाइल्डलाइफ सर्विस ने इस पौधे के खतरे को देखते हुए इसके आसपास के रास्ते को बंद कर दिया ताकि लोग इसके खतरे से दूर रहें।
किन-किन नामों से जाना जाता है, जिम्पई-
ऑस्ट्रेलियाई मूल के जिम्पई को कई और नामों से जाना जाता हैं, जैसे- सुसाइड प्लांट, जिम्पई स्ट्रिंगर, मूनलाइटर, स्टिंगगिंग ब्रश। इसके अलावा इसका बायोलॉजिकल नाम है- डेंड्रोक्नाइड मोरोइड्स।
इस पौधे की पत्तियां हार्ट के आकार की होती हैं। इसकी ऊंचाई 3 से 15 फिट होती हैं, इस पौधे की खास बात यह हैं, कि यह कई पक्षी और कीड़ों के लिए अच्छा है, जो इसके फल खाते हैं।
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इतना जहरीला क्यों हैं?
इस पौधे में न्यूरोटोक्सीन जहर होता है जोकि इसके काटो के जरिए शरीर में चला जाता है। यह जहर सीधे नर्वस सिस्टम पर असर करता है। इस पौधे के संपर्क में आने के करीब आधे घंटे बाद दर्द तेज होने लगता है यह इतना बढ़ जाता है, कि व्यक्ति से बर्दाश्त नहीं होता है। समय पर इलाज नहीं मिल पाने से व्यक्ति की जान भी चली जाती हैं।