आज के आधुनिक विज्ञान और तकनीकी सफलताओं के कारण आज हमने बहुत से अविष्कार किए हैं, इन अविष्कारों में कुछ हमने ऐसे हथियार बनाए हैं जो न सिर्फ मनुष्य बल्कि इस पूरी पृथ्वी के लिए खतरा है इन्हीं हथियारों में से एक परमाणु हथियार है, जो कि कुछ पलों में तबाही ला सकता है रूस और अमेरिका जैसे बड़े देशों में जब यह हथियार बनाने की होड़ लग जाए तब विनाश की सीमाएं बढ़ जाती हैं, इसी बात ध्यान में रखकर रूस और अमेरिका के बीच परमाणु हथियारों को लेकर न्यू स्टार्ट (New START) संधि हुई, लेकिन अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस संधि से मुक्त होने का निर्णय ले लिया हैं
क्या हैं NEW START संधि –
Strategic Arms Reduction Treaty (नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि) रूस और अमेरिका के बीच NEW START परमाणु हथियारों को लेकर हुई। एक समय ऐसा आया था जब रूस और अमेरिका के बीच परमाणु हथियार बनाने की होड़ लग गई, परमाणु हथियार ना सिर्फ रूस और अमेरिका के लिए खतरा हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी हैं। इस बात को ध्यान में रखकर साल 2011 से 2021 तक दोनों देशों के बीच NEW START संधि हुई। संधि के अनुसार दोनों देश परमाणु हथियार का निर्माण 1550 संख्या से ज्यादा नहीं करेंगे, इस संधि का समय 5 वर्ष के लिए बढाकर 2026 तक कर दिया गया था। लेकिन अब रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए स्वयं को न्यू स्टार्ट संधि से अलग कर दिया हैं। दोनों ही देशों में शीत युद्ध के बाद से दुश्मनी बनी हुई हैं, इस चलते रूस ने अमेरिका को परमाणु युद्ध की चेतावनी देते हुए कहा कि रूस नए स्प्रेडशीट स्किल्स को युद्ध के लिए तैयारी कर रहा हैं। इसके साथ ही व्लादीमीर पुतिन ने कहा कि रूस परमाणु परीक्षण दोबारा भी शुरू कर सकता हैं, रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह वैश्विक स्तर पर युद्ध भड़काने के काम कर रहा हैं। जिसके कारण वह अपने आप को न्यू स्टार्ट संधि से अलग करता हैं।
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संधि टूटना विश्व के लिए खतरा-
अमेरिका और रूस के बीच हुई न्यू स्टार्ट संधि के टूटने से विश्व में परमाणु हथियारों का खतरा बढ़ जाता है, रूस का कहना है कि वह अपनी रक्षा के लिए परमाणु हथियार बनाएगा। जबकि रूस में विश्व के सबसे अधिक परमाणु हथियारों की ताकत है वह परमाणु हथियारों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है, यही कारण हैं कि एक बार फिर परमाणु हथियारों की दौड़ शुरू हो सकती है जोकि विश्व के लिए खतरा हैं।
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