Haryana toll plaza: काफी वक्त के बाद अब केंद्रीय सरकार भारत के हाईवे टोल प्लाजा की नीति में अब बदलाव करने वाली है। इसी कड़ी में हरियाणा पंजाब में कुल मिलाकर 63 टोल प्लाजा है। इसके साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में 60 किलोमीटर के अंतर्गत एक ही टोल प्लाजा के नियम को स्वीकार किया था। जिसके चलते यह भी कहा गया था कि यह टोल प्लाजा 3 महीने के बाद बंद कर दिए जाएंगे। इस पर विचार करते हुए, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री पूरे भारत से टोल प्लाजा की रिपोर्ट मांगी। जिसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इन रिपोर्ट्स की जांच की जिसमें सभी को चौंका देने वाले आंकड़े निकल कर सामने आए।
करीबन 20 टोल प्लाजा में होगा बदलाव-
अगर हम बात करें, अंबाला दिल्ली नेशनल हाईवे की तो मुरथल से लेकर पानीपत और करनाल तक लगभग 3 टोल प्लाजा है। जिसमें सेे किसी एक को हटाने या किसी एक टोल प्लाजा को बाकी बचे दोनों टोल प्लाजा में मर्ज करने या वहां से एक टोल प्लाजा को स्थानांतरित करने की बात की जा रही है। क्योंकि यदि 60 किलोमीटर के भीतर एक से टोल प्लाजा होंगे, तो उन्हें या तो हटा दिया जाएगा या फिर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसी कड़ी में लगभग हरियाणा में 20 टोल प्लाजा में बदलाव की जा सकती है और यह टोल प्लाजा होंगे। झरोठी, छारा, भागान, डाहर, मकरौली, सोनीपत-रोहद, खटकड़, भावदीन, लांधड़ी, रामायण, मदीना, चौधरी वास, बाडोपट्टी, हिसार-नरवाना, भिवानी-मारोवला, यमुनानगर, सैनी माजरा, घरौंदा, पानीपत, अम्बाला।
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हरियाणा और पंजाब में 60 किलोमीटर के अंदर लगभग 41 टोल प्लाजा आते हैं। जिनमें से एक टोल प्लाजा को स्थानांतरित करने का खर्चा लगभग 12 करोड आता है। अगर इन 41 टोलों को स्थानांतरित किया गया, तो करीबन 4.92 अरब रूपये का खर्चा होगा। जिसके चलते आप सभी की निगाहें सरकार की नई नीति पर है, जिसमें कुछ टाउनशिप का मर्ज होगा और कुछ में बदलाव किए जाएंगे।
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