Farmers Protest: अपनी मांगे मनवाने के लिए किसान आंदोलन का आज 14वां दिन है और किसान अभी भी दिल्ली में आने की मांग को लेकर बॉर्डर पर खड़े हैं। दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर को सील कर रखा है, भारतीय किसान यूनियन और अन्य किसान संगठन आज एक बार फिर से अपनी ताकत दिखाने वाले हैं। सरकार और किसान नेताओं के बीच चार दौर की बात हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। किसान आंदोलन में झड़प के दौरान कई किसान और पुलिसकर्मी घायल भी हो चुके हैं।
संगठन द्वारा ट्रैक्टर मार्च-
वहीं आज संयुक्त किसान मोर्चा के कई संगठन द्वारा ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। ट्रैक्टर मार्च के सहारे किसान संगठन अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे और इसके साथ ही किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एमएसपी की गारंटी कानून समेत अपनी कई मांगों को लेकर हरियाणा पंजाब के शंभू और खनोरी बॉर्डर पर पुतला फूंकने वाले हैं। इस प्रदर्शन के लिए भारतीय किसान यूनियन ने कई दिनों से तैयारी की है। वहीं पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। किसान दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे पर ट्रैक्टर दिल्ली की ओर मोड़ कर खड़ा करेंगे।
आर-पार की लड़ाई की घोषणा-
किसान संगठनों ने आर-पार की लड़ाई की घोषणा कर दी है। किसान के एक नेता का कहना है कि दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे के लेफ्ट हैंड की एक लाइन में ट्रैक्टर खड़े रहेंगे। सुबह 11:00 बजे से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे पर किसानों का कब्जा होने वाला है। किसान नेता का कहना है कि सरकार ने किसानों के साथ वादा खिलाफी की है और अब किसान भी आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। ट्रैक्टर मार्च के लिए यूपी के मुजफ्फरपुर में 8, मेरठ में चार और गाजियाबाद में 4 पॉइंट बनाए गए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत मुजफ्फरपुर से आंदोलन की शुरुआत करने वाले हैं।
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मेरठ होते हुए गाज़ियाबाद-
इसी के साथ वह मेरठ होते हुए गाज़ियाबाद भी जाएंगे। किसान नेताओं ने आवाहन करते हुए कहा कि किसी भी गांव में एक भी ट्रैक्टर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी ट्रैक्टर हाईवे पर नजर आने चाहिए। किसान नेता का कहना है कि सोमवार को नेशनल हाईवे की एक लाइन पर कब्जा लेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमसे दूर नहीं हैं। ट्रैक्टरों को दिल्ली जाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। सरकार को किसनो की बात माननी ही होगी। आंदोलन करने के बजाय हमारे पास कोई विकल्प मौजूद नहीं है।आंदोलन को और बड़ा करना पड़ेगा। टिकैत का कहना है की या तो सरकार मान जाए या फिर बड़े आंदोलन के लिए तैयार हो जाए।
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