लगभग महीने भर से अपनी मांगों को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। अब वही किसान रविवार को पूरे देश में रेल रोको अभियान चलाने वाले हैं। किसान संगठनों द्वारा 4 घंटे तक देश व्यापी आंदोलन चलेगा। यह आंदोलन दोपहर 12:00 बजे से शुरू होकर शाम 4:00 बजे तक रहेगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या आज 4 घंटे के लिए रेल यात्राएं सभी रेलवे रूट पर थम जाएंगी। ऐसा कहा जा रहा है कि लगभग 60 जगह पर हरियाणा और पंजाब में किसान विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसे में हरियाणा और पंजाब से होकर गुजरने वाले मार्गों पर बाधा पैदा हो सकती है।
रेल रोको आंदोलन-
किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा था कि पंजाब के फिरोजपुर, रूपनगर, अमृतसर और गुरदासपुर जिलों में किसान रेलवे ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन करने वाले हैं। वहीं भारतीय किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े अन्य संगठन भी आंदोलन का हिस्सा होंगे। रेल रोको आंदोलन से पहले ही राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा चुके हैं। वहीं अंबाला जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।
सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह-
तनाव वाली जगह पर पुलिस की तैनाती को बढ़ा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक इस आंदोलन का असर इंटरसिटी और दूसरे राज्यों के बीच चलने वाली ट्रेनों पर हो सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आंदोलन की वजह से पिछले महीने भी अमृतसर-दिल्ली रूट पर कई ट्रेनों के चलने में देरी हुई थी। सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन में तेजी लाने के लिए रेल रोको आंदोलन चलाने का फैसला लिया गया है।
किसानों की सरकार से 12 मांगे-
उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए। किसानों को एसपी की गारंटी मिलनी चाहिए और स्वामीनाथन कमीशन द्वारा दिए गए c2 प्लस 50% के फार्मूले से ही किसानों को सभी फसलों पर एमएसपी दी जानी चाहिए और ऐसे कानून भी बनाया जाना चाहिए। किसान आंदोलन 13 फरवरी से शुरू हुआ था, पंजाब से करीब 200 किसान संगठनों ने दिल्ली चलो मार्च शुरू किया था। जिन्हें हरियाणा के बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। किसानों की सरकार से 12 मांगे हैं। कई चरणों की बातचीत के बाद भी किसान वापस लौटने को तैयार नहीं है।
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रेल यात्रियों को परेशानी-
किसानों की मांग है की स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिश को लागू किया जाए, मजदूर और किसानों को पेंशन दी जाए और इसके अलावा किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिया जाए। किसानों के आंदोलन की वजह से कुछ घंटे के लिए रेल यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। किसान नेता का कहना है कि हो सके तो लोग दोपहर 12:00 बजे से पहले या फिर 4:00 के बाद यात्रा की योजना बनाएं। किसान नेताओं का कहना है कि देश के किसानों के लिए हित के लिए थोड़ी सी असुविधा लोगों को उठानी पड़ सकती है, लेकिन यह सबके लिए जरूरी है।
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