Surya Grahan 2024: ज्योतिष शास्त्र और विज्ञान दोनों में ही सूर्य ग्रहण का महत्व माना जाता है। ग्रहण को देश और दुनिया में शुभ और अशुभ माना गया है। शास्त्रों को मुताबिक ग्रहण की घटना शुभ नहीं होती। इस वजह से ग्रहण के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल में पूजा पाठ और धार्मिक कार्य वर्जित किया माने जाते हैं। वहीं इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद हो जाते हैं।
8 अप्रैल 2024 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है और यह काफी दुर्लभ होगा। ग्रहण के बजे से 7.5 मिनट तक सूर्य दिखाई नहीं देगा। इससे पहले 1973 के ग्रहण में सूर्य इतनी देर तक दिखाई नहीं दिया था। यह ग्रहण अफ्रीकी महाद्वीप पर नजर आएगा। विज्ञान के मुताबिक कई सालों बाद ऐसा सूर्य ग्रहण देखने को मिलने वाला है।
ग्रहण का समय-
यह सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल यानी आज की रात 9:12 से शुरू होगा और अगले दिन सुबह 1:20 पर खत्म हो जाएगा। चैत्र माह के सूर्य ग्रहण की अवधि कल 4 घंटे 25 मिनट की होने वाली है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, करीब 50 वर्षों बाद यह सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ग्रहण की प्रकृति एक अद्भुत चमत्कार होती है। यह सदा अमावस्या को ही होती है।
सोमवती अमावस्या-
आज सोमवती अमावस्या है और सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है। पृथ्वी की पारिकर में करते हुए चांद कभी-कभी सूरज और धरती के बीच में आ जाता है। फिर वह सूर्य की कुछ या सारी रोशनी को रोक देता है। जिससे की धरती पर साया फैल जाती है और इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। सूतक काल की बात करें तो जब भी ग्रहण लगता है।
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सूतक काल-
ग्रहण से कुछ समय पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूतक काल में शुभ कार्य करने की मन ही होती है। इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती सकते हैं। 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। इसलिए सूतक काल मान्य ही नहीं होगा। इसीलिए किसी को कुछ नियमों के पालन करने की जरूरत नहीं है।
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