Voting in America: आज के समय में टेक्नोलॉजी बहुत ज्यादा बढ़ गई है और हर क्षेत्र में इसका इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे ही आज के समय में वोटिंग के लिए भी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पिछले दशकों में अमेरिका धीरे-धीरे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से दूर होकर कागज के मतपत्रों की ओर वापस जा रहा है। इस चुनाव में 95% पंजीकृत मतदाता ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जहां पर ज्यादातर मतदाता मतदान करने के लिए हाथ से लगाए निसान या कागज के मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। आज हम आपको बताएंगे, कि अमेरिका में वोट कैसे डाले जाते हैं और इन्हें कौन गिनता है।
कैसे होते हैं अमेरिका में चुनाव?
अमेरिका में संघीय अभियान वित्त कानून को लागू करना, उनका प्रशासन करना अमेरिकी संघीय चुनाव आयोग का काम होता है, यह भारत के चुनाव आयोग की तरह सिर्फ चुनाव करने की समिति तक सीमित नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका के ज्यादातर विकेंद्रीकृत चुनाव प्रणाली है, जबकि अमेरिकी संविधान संघीय कार्यालय के चुनाव के लिए पैरामीटर निर्धारित करता है। ज्यादातर पहलुओं को राज्य कानून द्वारा विनियमित किया जाता है। सभी चुनाव राज्य संज्ञा और स्थानीय अलग-अलग राज्यों द्वारा प्रसारित किए जाते हैं और होते हैं।
ज्यादातर पहलुओं को राज्य के कानूनों द्वारा विनियमित किया जाता है। सभी तरह के चुनाव चाहे वह संघीय हो राज्य के हो या स्थानीय अलग-अलग राज्यों द्वारा प्रशासित किए जाते हैं और कई पहलुओं पर काउंटी या स्थानीय अधिकार क्षेत्र को सौंप दिया जाता है। मतलब अमेरिका में मतदाता किस प्रकार वोट डालते हैं और इन वोटों की किस तरह से की जाती है, इसके लिए कोई एक प्रक्रिया नहीं होती। 5 नवंबर को चुनाव का दिन है। लेकिन बहुत से राज्यों में प्रारंभिक मतदान जारी है। भारत के विपरीत अमेरिका में मतदाता अपने निवास स्थान के आधार पर मत पत्रों या इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी पर अपना वोट डाल सकते हैं।
कैसे दिए जाते हैं वोट-
वर्तमान में कागज के मतपत्र (Paper Ballots) सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला मतदाता मतदान तंत्र है, अमेरिका में चुनाव प्रशासन पर नजर रखने वाले फिलाडेल्फिया में मौजूद गैर लाभकारी संगठन वेरिफाइड वोटिंग के मुताबिक, 59.99% पंजीकृत मतदाता ऐसे क्षेत्राधिकार में रहते हैं, जहां पर ज्यादातर मतदान मतदाता वोटिंग के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं, वहीं ज्यादातर राज्य सिर्फ हाथ से चिन्हित कागज के मत पत्रों की ही अनुमति देते हैं। वहीं 5.1% अधिकारी क्षेत्र में सभी वोटर द्वारा मतपत्र आं उपकरण बीएमडी का इस्तेमाल करके भरे गए कागज के मत पत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। बीएमडी एक कंप्यूटर रिसर्च प्रणाली है, जो एक डिजिटल का एक कागज रिकॉर्ड प्रिंट करती है, मतदाताओं को चुनने की परमिश देती है और फिर मतदाता की पसंद की एक कागज रिकॉर्ड प्रिंट करती है, इस मतपत्र का इस्तेमाल चुनाव के बाद मतों के गणना के लिए किया जाता।
BMD क्या है-
BMD को 2002 के हेल्प अमेरिका वोट एक्ट के पारित होने के बाद विकसित किया गया था। जिसके मुताबिक, मतदान केंद्रों को विकलांग मतदाताओं को निजी तौर पर स्वतंत्र रूप से मदद करने का साधन देना जरूरी है। इस तरह से बीएमडी में ब्रेल कीपैड, रॉकर पैदल और ऑडियो एसिस्ट वाले हेडफोन जैसी कई सुविधाएं शामिल हैं। डायरेक्ट रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को भी कभी अमेरिका में वोटिंग के भविष्य के रूप में देखा जाता था।
लेकिन साल 2024 में सिर्फ 5% वॉटर ऐसी जगह पर रहते हैं, जहां सभी वेटर इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेंगे। DRE सिस्टम भारत में मौजूद EVM की तरह है, जिसमें वोट इलेक्ट्रॉनिक रूप से डालें और इकट्ठे किए जाते हैं। हालांकि भारतीय EVM के विपरीत अमेरिका में कई अलग-अलग प्रकार के DRE हैं, जो अलग-अलग तरह के इंटरफ़ेस का इस्तेमाल करते हैं और वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल प्रिंटर के साथ या उसके बिना आते हैं।
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कैसे होती है वोटों की गिनती-
अब आईए अब जानते हैं, कि अमेरिका में वोटों की गिनती कैसे की जाती है। हाथ से चिन्हित कागज के मतपत्र और बीएमडी का इस्तेमाल करके भरे गए मतपत्र दोनों की गिनती ऑप्टिकल स्कैनर का इस्तेमाल करके की जाती है। फिर गिनती की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कंप्यूटर द्वारा एक सारणी तैयार की जाती है, साल 2000 की तुलना में अब मत पत्र उत्पादन के लिए कहीं ज्यादा कठोर मानक को देखते हुए प्रक्रिया काफी हद तक बिना किसी बाधा के चलती है।
हालांकि वोटों की गिनती और सारणीबद्ध की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्यों के पास रिजल्ट को खुद ऑडिट करने के लिए अलग-अलग समय अवधि होती है। जिसे मैन्युअल रूप से या मशीन की मदद से किया जा सकता है। ज्यादातर राज्यों में पहले ही मतगणना करने का प्रावधान है, जिसे जीत के अंतर के आधार पर आदेश दिया जाता है। आखिर में चुनाव अधिकारियों को एक निश्चित तारीख तक ऑफिशियल वोटों की संख्या, रिजल्ट घोषणा करने और प्रमाण-पत्र जारी करने होंगे। इस साल आखिरी तारीख 11 दिसंबर है, चुनाव के एक महीने से भी ज्यादा समय बाद।
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