Asteroid 2017 BN92: नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार, लगभग 84 फीट चौड़ा क्षुद्रग्रह 2017 BN92 पृथ्वी से सुरक्षित दूरी पर से गुजरेगा। यह चंद्रमा से पृथ्वी की दूरी से 16 गुना ज्यादा यानी करीब 11,20,000 मील की दूरी से गुजरेगा। यह विशाल चट्टान 13,919 मील प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर रही है और भारतीय समयानुसार दोपहर 3:45 बजे पृथ्वी के सबसे करीब होगी।
क्षुद्रग्रहों की निगरानी क्यों जरूरी है?(Asteroid 2017 BN92)
2017 BN92 जैसे क्षुद्रग्रह हमारे सौर मंडल के निर्माण के समय से मौजूद हैं, जो करीब 4.6 अरब साल पहले हुआ था। ये आकाशीय पिंड सूर्य की परिक्रमा करते हैं और कभी-कभी पृथ्वी के रास्ते से भी गुजरते हैं।
इतिहास से सीख(Asteroid 2017 BN92)-
डायनासोर के विलुप्त होने का कारण भी एक विशाल क्षुद्रग्रह का पृथ्वी से टकराना ही था। इसलिए वैज्ञानिक इन आकाशीय पिंडों पर लगातार नज़र रखते हैं। नासा रडार जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके इनकी गति और दिशा का पता लगाता है।
अंतरिक्ष अनुसंधान का महत्व-
नासा के ओसिरिस-रेक्स (OSIRIS-REx) और जापान के हयाबुसा-2 (Hayabusa2) जैसे मिशन क्षुद्रग्रहों से सैंपल इकट्ठा करके लाए हैं। इन नमूनों से हमारे सौर मंडल के इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
BN92 से कोई खतरा नहीं-
हालांकि 2017 BN92 से कोई खतरा नहीं है, लेकिन इसकी निगरानी से पृथ्वी की सुरक्षा के प्रयासों को बल मिलता है। नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (पृथ्वी के पास से गुजरने वाले पिंड) की निगरानी से वैज्ञानिकों को भविष्य के संभावित जोखिमों से निपटने में मदद मिलती है।
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वैज्ञानिकों का कहना-
“हर क्षुद्रग्रह की निगरानी से हमें इन आकाशीय पिंडों के बारे में नई जानकारी मिलती है,” नासा के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया। “यह ज्ञान हमारी पृथ्वी की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”
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