Syria: पिछले हफ्ते अचानक सीरिया में हालात बदल गए। देखते ही देखते विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा किया और राष्ट्रपति असद के 24 साल के लंबे शासन का खत्म कर दिया। इस अभियान की कमान संभालने वाले शख्स अबु मोहम्मद अल-जुलानी का नाम पहले भी काफी सुर्खियों में आया है। वह 1982 में सऊदी अरब में पैदा हुए। उनके पिता पैट्रोलियम इंजीनियर थे। बचपन में 7 साल तक सऊदी अरब में रहे, फिर उनका परिवार सीरिया में लौट आया। साल 2003 में जुलानी ने अल-कायदा ज्वाइन किया। उस समय अमेरिका ने इराक पर हमला किया था। फिर साल 2011 में उन्होंने अपना एक अलग ग्रुप बनाया।
HTS आतंकी संगठन घोषित (Syria)-
जिसे हयात तहरीर अल-शाम (HTS) कहा जाता है। जुलानी ने अल-कायदा में रहते हुए, अबू बक्र अल-बगदादी के साथ भी काम किया। लेकिन साल 2013 में उन्होंने इससे अलग होने का ऐलान किया और इसके बाद उन्होंने उसके खिलाफ लड़ाई लड़ी। साल 2018 में अमेरिका ने HTS को आतंकी संगठन घोषित कर दिया और जुलानी पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रख दिया। लेकिन जुलानी ने अपनी छवि को बदलने की कोशिश की और इंटरव्यू में कहा, कि उनका मकसद निर्दोष लोगों को मारना नहीं है।
HTS वैध और मजबूत (Syria)-
सीरिया ने इदलिब प्रांत में अपनी पकड़ बनाई और एक सिविल एडमिनिस्ट्रेशन सेल्वेशन गवर्नमेंट शुरू की। जुलानी का कहना है, कि वह सीरिया में ऐसी सरकार बनना चाहते हैं, जहां पर जनता अपने नेता को खुद चुन सके। अब जुलानी HTS को वैध और मजबूत प्रशासनिक तौर पर पेश करना चाहते हैं। वह चाहते हैं, कि दुनिया उनके संगठन को आतंकवाद से जोड़कर ना देखे। बल्कि सीरिया के भविष्य में एक अहम भूमिका निभाने वाला माने।
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जुलानी सीरिया की तस्वीर बदल पाएंगे?
क्या जुलानी सीरिया की तस्वीर बदल पाएंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि सीरिया में बशर अल-असद के 24 साल के शासन और 13 साल से चल रहे गृह युद्ध का अंत हो गया है। देश की राजनीति पर बशर अल-असद का कब्जा है। विद्रोही समूह के लड़ाके ने सिर्फ 10 दिनों में ही दमिश्क फतह कर लिया। विद्रोही ने इसके बाद ऐलान किया, कि वह शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण चाहते हैं और अब तक प्रधानमंत्री को कुर्सी पर बने रहने के लिए कहा है।
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